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Class 10 Sanskrit Pranebhyo Priya Suhridya

एकादशः पाठः प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुहृद् प्रस्तुत नाट्यांश महाकवि विशाखदत्त की रचना "मुद्राराक्षस" इस नाटक के प्रथम अंक से लिया गया है।...

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