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Kar Chale Hum Fida Class 10 Hindi animated explanation and summary




यह कविता हमें यही प्रेरणा देती की देश की रक्षा करने का भार हम सब पर समान रूप से है फिर चाहे वह सीमा पर रहकर सैनिकों की भांति रक्षा करना है या देश में रहकर। दूसरे यह कविता हमें यह भी प्रेरणा देती है की हमारे सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें आजाद देश दिया है। अत:हमें उनका आभार मानते हुए अपने देश की उनके समान ही रक्षा करनी है। उनके बलिदान को हमने बेकार नहीं जाने देना चाहिए। हम आपको इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। इसे अपनी समझ से विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास कीजिए- एक व्यक्ति के अंदर देशभक्ति का होना परम आवश्यक है। यह भावना ही व्यक्ति को देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित करती है। देशभक्ति का अर्थ होता है अपने देश के प्रति भक्ति। अर्थात अपने देश को ईश्वर की तरह प्रेम करना तथा उसकी सुरक्षा तथा भलाई के लिए किसी भी हद तक चले जाना। नागरिक को चाहिए कि अपने देश के लिए बलिदान करने में हिचकिचाए नहीं। यही उसकी सच्ची देशभक्ति कहलाएगी। देश मात्र सीमाओं का नाम नहीं है बल्कि देश की हर छोटी से छोटी वस्तु भी देश का ही अंग हैं। उसके प्रति हमारा प्रेम तथा उसकी रक्षा करना हमारा धर्म होना चाहिए। सीमा में पड़ोसी देश से अपने देश की रक्षा करने वाले लोग ही देशभक्त नहीं कहलाते बल्कि जो देश में रहकर उसकी वस्तुओं, देश से जुड़ी संस्कृति, सभ्यता की रक्षा करते हैं तथा देश में विद्यमान समस्याओं से लड़ते हैं वे भी देशभक्त कहलाते हैं। समय बदल रहा है लोगों के अंदर ये भावनाएँ समाप्त हो रही है। देशभक्ति के आदर्श धूमिल हो रहे हैं। लोगों के अंदर स्वहित की भावनाएं अधिक बढ़ रही हैं। देश का क्या हो रहा है? उन्हें इनसे कोई सरोकार नहीं है। देशभक्त लोग स्वहित को परे रखते हैं। उनके लिए पहले देश हैं फिर वह। वह अपने देश की रक्षा, सम्मान और गौरव के लिए स्वयं की आहुति बिना हिचकिचाए दे देते हैं। भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद आदि ऐसे अनगिनत देशभक्तों के उदाहरण है जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर अपनी देशभक्ति साबित की। इनकी देशभक्ति तथा बलिदान ने लोगों में एकता स्थापित की और देश को आजाद करवा लिया।


पाठ से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर :—


प्रश्न)क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?


उत्तर) हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सन् 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया। इस युद्ध में अनेक सिपाही शहीद हुए । इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर ‘हकीकत’ फ़िल्म बनी थी। इस फ़िल्म में भारत और चीन युद्ध की वास्तविकता को दर्शाया गया था। यह गीत इसी फ़िल्म के लिए लिखा गया था।



प्रश्न) सर हिमालय का हमने न झुकने दिया, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है? कर चले हम फ़िदा कविता के आधार पर बताइए।


उ०) प्रस्तुत कविता में 'हिमालय' पर्वत भारत के उत्तर में खड़ा उसका पहरेदार है, जो देश की अस्मिता तथा ताज का प्रतीक है। भारत-चीन युद्ध (1962) के दौरान हिमालय की बर्फीली वादियों एवं चोटियों पर जिस प्रकार यह युद्ध लड़ा गया वह हमारे भारतीय सौनिकों की बहादुरी की मिसाल कायम करता है |भारतीय सैनिकों ने अपने बलिदान के द्वारा हिमालय के गौरव को पद-दलित होने से रोका क्योंकि हिमालय हमारे स्वाभिमान और मान-सम्मान का प्रतीक है। इस पंक्ति में 'हिमालय' भारतीय वीरता की अविचल प्रवृत्तियों का भी प्रतीक बनकर सामने आया है |



प्रश्न) इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?



उ०)गीत में धरती को दुल्हन कहा गया है, क्योंकि सन् 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदानों से, उनके रक्त से धरती लाल हो गई थी, ऐसा प्रतीत होता है धरती ने किसी दुलहन की भाँति लाल पोशाक को धारण किया हो अर्थात भारतीय सैनिकों के रक्त से पूरी युद्धभूमि लाल हो गई थी।




प्रश्न) गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?



उत्तर) जीवन भर याद रह जाने वाले गीतों में मन-मस्तिष्क को स्पर्श करने वाली भाषा और संगीत का अद्भुत तालमेल होता है। जो व्यक्ति के अंतर्मन में प्रवेश कर जाता है। इस तरह गीतों के बोल सरल एवं सहज भाषा की शैली में होने चाहिए ताकि वह व्यक्ति की जुबान पर आसानी से आ सके। इन गीतों का विषय जीवन के प्रत्येक पहल से जुड़ा होना चाहिए। ऐसे गीत हृदय की गहराइयों में समा जाते हैं और इन गीतों के सुर, लहरियाँ संपूर्ण मन मस्तिष्क को सकारात्मकता से भर देती हैं और गीत जीवनभर के लिए याद रह जाते हैं।


प्रश्न) कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?



उत्तर) कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग देशवासियों के लिए किया है, जो देश की एकता को दिखा रहा है। देशवासियों का संगठन ही देश को प्रगतिशील, विकासशील तथा समृद्धशाली बनाता है। देशवासियों का परस्पर साथ ही देश की ‘अनेकता में एकता’ जैसी विशिष्टता को मजबूत बनाता है।



प्रश्न) कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?



उत्तर) ‘काफिले’ शब्द का अर्थ है-यात्रियों का समूह। कवि ने इस कविता में देश के लिए न्योछावर होने वाले अर्थात् देश के मान-सम्मान व रक्षा की खातिर अपने सुखों को त्याग कर, मर मिटने वाले बलिदानियों के काफिले को आगे बढ़ते रहने की बात कही है। कवि का मानना है कि बलिदान का यह क्रम निरंतर चलते रहना चाहिए क्योंकि हमारा देश तभी सुरक्षित रह सकता है, जब बलिदानियों के काफिले शत्रुओं को परास्त कर तथा विजय को हासिल कर आगे बढ़ते रहेंगे।



प्रश्न)इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?


उत्तर)इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ देश के लिए अपना सब कुछ अर्थात् संपूर्ण समर्पण की ओर संकेत करता है। सिर पर कफन बाँधकर चलने वाला व्यक्ति अपने प्राणों से मोह नहीं करता, बल्कि अपने प्राणों का बलिदान देने के लिए सदैव तैयार रहता है इसलिए हर सैनिक सदा मौत को गले लगाने के लिए तत्पर रहता है।



प्रश्न) इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।


उत्तर) प्रस्तुत कविता उर्दू के प्रसिद्ध कवि कैफ़ी आज़मी द्वारा रचित है। यह गीत युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म हकीकत के लिए लिखा गया है। इस कविता में कवि ने उन सैनिकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त किया है, जिन्हें अपने देश के प्रति किए गए हर कार्य, हर कदम, हर बलिदान पर गर्व है। इसलिए इन्हें प्रत्येक देशवासी से कुछ अपेक्षाएँ हैं कि उनके इस संसार से विदा होने के पश्चात वे देश की आन, बान व शान पर आँच नहीं आने देंगे, बल्कि समय आने पर अपना बलिदान देकर देश की रक्षा करेंगे।


(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-


प्रश्न 1.

साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई

फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर-

भाव-इन पंक्तियों का भाव यह है कि हमारे वीर सैनिक देश रक्षा के लिए दिए गए अपने वचन का पालन अपने जीवन के अंतिम क्षण तक करते रहे युद्ध में घायल इन सैनिकों को अपने प्राणों की जरा भी परवाह नहीं की। उनकी साँसें भले ही रुकने लगीं तथा भयंकर सर्दी के कारण उनकी नब्ज़ चाहे जमती चली गई किंतु किसी भी परिस्थिति में उनके इरादे डगमगाए नहीं। भारत माँ की रक्षा के लिए उनके बढ़ते कदम न तो पीछे हटे और न ही रुके। वे अपनी अंतिम साँस तक शत्रुओं का मुकाबला करते रहे।

प्रश्न 2.

खींच दो अपने खू से जमीं पर लकीर

इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

उत्तर-

इन अंशों का भाव है कि सैनिकों ने अंतिम साँस तक देश की रक्षा की। युद्ध में घायल हो जाने पर जब सैनिकों की साँसें रुकने लगती हैं अर्थात् अंतिम समय आने पर तथा नब्ज़ के रुक-रुककर चलने पर, कमज़ोर पड़ जाने पर भी उनके कदम नहीं रुकते, क्योंकि वे भारतमाता की रक्षा हेतु आगे बढ़ते रहते हैं और हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।

प्रश्न 3.

छू न पाए सीता का दामन कोई

राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

उत्तर

भाव-इन पंक्तियों का भाव यह है कि भारत की भूमि सीता माता की तरह पवित्र है। इसके दामन को छूने का दुस्साहस किसी को नहीं होना चाहिए। यह धरती राम और लक्ष्मण जैसे अलौकिक वीरों की धरती है जिनके रहते सीमा पर से कोई शत्रु रूपी रावण देश में प्रवेश कर देश की अस्मिता को लूट नहीं सकता। अतः हम सभी देशवासियों को मिलकर देश की गरिमा को बनाए रखना है अर्थात् देश के मान-सम्मान व उसकी पवित्रता की रक्षा करना है।



पाठ से अलग कुछ प्रश्नोत्तर


प्रश्न) कर चले हम फ़िदा कविता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उसका प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।


उ०) 'कर चले हम फ़िदा' गीत उर्दू के प्रसिद्ध शायर कैफ़ी आज़मी की रचना है। यह गीत वर्ष 1962 में 'भारत-चीन युद्ध' की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनने वाली फिल्म 'हकीकत' के लिए लिखा गया था। यह फिल्म हिमालय क्षेत्र में भारत-चीन युद्ध का चित्रांकन है | इस गीत के माध्यम से देशवासियों में अपनी मातृभूमि के प्रति बलिदान की भावना तथा आज़ादी की रक्षा के लिए प्राणों की परवाह न करने का भाव, सैनिकों के संबोधन के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है। उनके अनुसार ज़िंदा रहने के अवसर तो बहुत बार आते हैं , पर देश के लिए अपनी कुर्बानी देने का मौका बहुत कम मिलता है | यह गीत वर्तमान समय में भी देशभक्ति के प्रति उत्साह पैदा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


प्रश्न) सर हिमालय का हमने न झुकने दिया, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है? कर चले हम फ़िदा कविता के आधार पर बताइए।


उ०) प्रस्तुत कविता में 'हिमालय' पर्वत भारत के उत्तर में खड़ा उसका पहरेदार है, जो देश की अस्मिता तथा ताज का प्रतीक है। भारत-चीन युद्ध (1962) के दौरान हिमालय की बर्फीली वादियों एवं चोटियों पर जिस प्रकार यह युद्ध लड़ा गया वह हमारे भारतीय सौनिकों की बहादुरी की मिसाल कायम करता है |भारतीय सैनिकों ने अपने बलिदान के द्वारा हिमालय के गौरव को पद-दलित होने से रोका क्योंकि हिमालय हमारे स्वाभिमान और मान-सम्मान का प्रतीक है। इस पंक्ति में 'हिमालय' भारतीय वीरता की अविचल प्रवृत्तियों का भी प्रतीक बनकर सामने आया है |


प्रश्न) कवि ने कर चले हम फ़िदा कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?

उत्तर) कवि ने इस गीत के माध्यम से वीर सैनिकों के मनोभावों को व्यक्त करते हुए कहता है कि देश पर मर-मिटने का उत्साह कम नहीं होना चाहिए। आज़ादी पाने के लिए जिस तरह युवाओं ने अपनी जवानी न्योछावर कर दी, उसी तरह आज़ादी के बाद के कई युद्धों में भी सैनिकों ने ऐसा बलिदान दिया है। विजय की यह मशाल जलती रहनी चाहिए। देश के लिए प्राणों का बलिदान देने वाले लोगों के काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है |

हमारी युवा शक्ति को देश की रक्षा तथा आज़ादी की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा और देश पर कुर्बानी देने वालों की बड़ी संख्या में आवश्यकता भी है| ‘काफ़िले' शब्द सतत प्रक्रिया को सामने रखने के लिए गीत में आया है। यह देश के लिए दी जाने वाली कुर्बानियों की निरंतरता की ओर इशारा करता है।


प्रश्न) ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में कवि ने क्या संदेश दिया है?

उत्तर) कविता के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है | वे सदैव अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान देते हैं | साथ ही सैनिक देशवासियों को प्रेरित करते हैं कि देश की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उसके मान-सम्मान को बनाए रखना हर भारतवासी की ज़िम्मेदारी है। अतः अपनी सामर्थ्य के अनुसार, देशहित में कार्य करके हम अपनी देशभक्ति तथा देशप्रेम प्रकट कर सकते हैं।


प्रश्न) आज़ाद होने के बाद सबसे मुश्किल काम है "आज़ादी बनाए रखना।" आप इसके लिए क्या-क्या करेंगे? 'कर चले हम फ़िदा' कविता के सन्दर्भ में बताइए।

उत्तर) इस गीत के माध्यम से बताया गया है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने देश की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए हमेशा सजग एवं सतर्क रहना चाहिए। उसमें वीरता एवं साहस के गुण मौजूद होने चाहिए। हम अपने देश की ओर आँख उठाने वाले दुश्मनों को मुँह तोड़ जवाब देंगे और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान हँसते-हँसते कर देंगे। जिस प्रकार से हमारे देश के सैनिक देश की आज़ादी को बनाए रखने के लिए अपनी जान को दाव पर लगाए रखते हैं |

प्रश्न) 'छू न पाए सीता का दामन कोई’ कथन का क्या आशय है? 'कर चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर बताइए।

उत्तर) सैनिकों ने प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कहा है कि हमारी मातृभूमि हमारी सीता माँ है और इसे कोई भी रावण रूपी विदेशी आक्रमणकारी छूने एवं उस पर कब्जा या नियंत्रण करने का साहस ही न कर पाए। किसी में ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत ही न आए कि वह भारत की भूमि पर नापाक इरादे से कदम रख सकें। हमें अपनी सीता रूपी मातृभूमि की 'राम' एवं 'लक्ष्मण' बनकर रक्षा करनी होगी।


प्रश्न) गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवनभर याद रहे जाते हैं?


उत्तर) गीत में एक ऐसा ज़ज़्बा अर्थात् जोश एवं मर्म छिपा होता है, जो हृदय की गहराइयों को स्पर्श करता है। एक सैनिक के माध्यम से देश के लिए सर्वस्व कुर्बान करने की भावना, आज़ादी की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह न करने की चेतना का प्रवाह होना वस्तुतः जीवनभर याद रह जाने वाली घटना है। देश के लिए मरने के गर्व का अनुभव दिल को छू जाता है। अपना सिर कटा कर भी देश के मस्तक को ऊँचा रखने का भाव ‘देशभक्ति' के भाव को प्रकट करने का चरमोत्कर्ष है।

इस गीत की प्रत्येक पंक्ति एक नया तेवर, नयी प्रेरणा प्रदान करती है और संदेश देती है कि मौत वही सार्थक है, जो देश की खातिर और देशवासियों की रक्षा एवं स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हो। वास्तव में, 'कर चले हम फ़िदा' गीत अंतर्मन को झकझोर देने की शक्ति रखता है। हृदय में देश के लिए मर-मिटने का उत्साह पैदा करता है। इसी कारण यह विशिष्ट है और इसकी विशिष्टता जीवन भर याद रहती है।गीत ऐसी विधा है जो तत्काल अपनी भावनाएं श्रोताओं, दर्शकों तक पहुंचाती है इसीलिए कवि ने युद्ध के लिए जाते सैनिकों की भावनाएं व्यक्त करने के लिए इस विधा का सहारा लिया है।



प्रश्न) ‘कर चले हम फ़िदा' कविता में 'साथियो' संबोधन का प्रयोग किनके लिए किया गया है? किस काफ़िले को आगे बढ़ते रहने के लिए कहा गया है?

उत्तर) 'कर चले हम फ़िदा' कविता में ' साथियो ' संबोधन का प्रयोग भारत की युवा पीढ़ी के लिए किया गया है । देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सैनिकों ने युवा पीढ़ी का आवाह्न किया है ताकि देश के लिए जान न्योछावर करने वालो की संख्या में कोई कमी ना हो । साथ ही वे देश के अन्य लोगों को भी अपने समान देश पर मर-मिटने की प्रेरणा दे रहे हैं।

वे देश के लिए बलिदान देने वालों के काफ़िले को आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। एक सैनिक के लिए देश की इज्जत से बढ़कर कोई चीज नहीं है , इसलिए वे एक ऐसे काफिले को तैयार करने को कह रहे हैं जिसमें सैनिकों की कभी भी कमी ना हो और ना ही देश के लिए कुर्बानियों में कोई कमी हो



प्रश्न) कर चले हम फ़िदा कविता में सैनिक की इच्छाएँ-आशाएँ क्या हैं और वे हमें क्या संदेश देती हैं?


उत्तर) 'कर चले हम फ़िदा' कविता में कवि ने देशवासियों से देश के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करने की अपेक्षा की है। वे कविता के माध्यम से कहना चाहते हैं कि देश की रक्षा का भार केवल सीमा पर लड़ रहे सैनिकों पर ही नहीं ,अपितु आम जनता पर भी है। जवान भारत देश की रक्षा करते-करते शहीद हो जाते है, उनके बाद इस देश की रक्षा करने की जिम्मेदारी आम जनता के कंधों पर होती है। प्रत्येक देशवासी को देश के विकास और प्रगति के लिए अपना यथासंभव योगदान देना चाहिए।

कविता के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। वे सदैव अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान देते हैं। साथ ही सैनिक देशवासियों को प्रेरित करते हैं कि देश की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उसके मान-सम्मान को बनाए रखना हर भारतवासी की ज़िम्मेदारी है। अतः अपनी सामर्थ्य के अनुसार, देशहित में कार्य करके हम अपनी देशभक्ति तथा देशप्रेम प्रकट कर सकते हैं।



प्रश्न) गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवनभर याद रहे जाते हैं?


उत्तर) गीत में एक ऐसा ज़ज़्बा अर्थात् जोश एवं मर्म छिपा होता है, जो हृदय की गहराइयों को स्पर्श करता है। एक सैनिक के माध्यम से देश के लिए सर्वस्व कुर्बान करने की भावना, आज़ादी की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह न करने की चेतना का प्रवाह होना वस्तुतः जीवनभर याद रह जाने वाली घटना है। देश के लिए मरने के गर्व का अनुभव दिल को छू जाता है। अपना सिर कटा कर भी देश के मस्तक को ऊँचा रखने का भाव ‘देशभक्ति' के भाव को प्रकट करने का चरमोत्कर्ष है।

इस गीत की प्रत्येक पंक्ति एक नया तेवर, नयी प्रेरणा प्रदान करती है और संदेश देती है कि मौत वही सार्थक है, जो देश की खातिर और देशवासियों की रक्षा एवं स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हो। वास्तव में, 'कर चले हम फ़िदा' गीत अंतर्मन को झकझोर देने की शक्ति रखता है। हृदय में देश के लिए मर-मिटने का उत्साह पैदा करता है। इसी कारण यह विशिष्ट है और इसकी विशिष्टता जीवन भर याद रहती है।गीत ऐसी विधा है जो तत्काल अपनी भावनाएं श्रोताओं, दर्शकों तक पहुंचाती है इसीलिए कवि ने युद्ध के लिए जाते सैनिकों की भावनाएं व्यक्त करने के लिए इस विधा का सहारा लिया है।



'कर चले हम फ़िदा'

गीत उर्दू के प्रसिद्ध शायर कैफ़ी आज़मी


महत्वपूर्ण बिंदु

1)यह गीत वर्ष 1962 में 'भारत-चीन युद्ध' की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनने वाली फिल्म 'हकीकत' के लिए लिखा गया था।

2)भारत-चीन युद्ध (1962) के दौरान हिमालय की बर्फीली वादियों एवं चोटियों पर जिस प्रकार यह युद्ध लड़ा गया वह हमारे भारतीय सैनिको की बहादुरी की मिसाल कायम करता है |


3)इस गीत के माध्यम से सैनिक देश के नौजवानों देशवासियों में अपनी मातृभूमि के प्रति बलिदान की भावना तथा आज़ादी की रक्षा के लिए प्राणों की परवाह न करने के भाव को जगाने का प्रयत्न किया है ।

4)कवि ने 'साथियो' संबोधन का प्रयोग हमारे देश की आम जनता के लिए किया है।

5)अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करते समय हमें दुःखी नहीं होना चाहिए, बल्कि गौरवान्वित महसूस करते हुए अपने कर्तव्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए; जैसा कि हमारे देश के प्रत्येक सैनिक किया करते हैं।

6)भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने देश की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए हमेशा सजग एवं सतर्क रहना चाहिए।

7)भारत माता के मान-सम्मान को बनाए रखना हर भारतवासी की ज़िम्मेदारी है।

8)देश के लिए मरने के गर्व का अनुभव दिल को छू जाता है।

9)अपना सिर कटा कर भी देश के मस्तक को ऊँचा रखने का भाव ‘देशभक्ति' के भाव को प्रकट करने का चरमोत्कर्ष है।

10)देश के लिए सर्वस्व कुर्बान करने की भावना, आज़ादी की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह न करने की चेतना, का भाव हमें सैनिकों से सीखना चाहिए।



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