Kartoos Class 10 Hindi animated explanation and summary
कारतूस वजीर अली पर आधारित कहानी है। इस कहानी में उस साहसी व्यक्ति के कारनामों का वर्णन किया गया है। वजीर अली अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला का पुत्र था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे शासन से वचिंत कर उसके चाचा को उसके राज्य को सौंप दिया था। तब से वह अंग्रेजों का कट्टर विरोधी हो गया। उसका यही उद्देश्य था की अंग्रेजों को अपने देश से निकाल बाहर करना। वह इतना बहादुर व निडर व्यक्ति था की अकेले ही अंग्रेजी सेना के खेमे में घुसकर अंग्रेंजी अफ़सर से कारतूस प्राप्त कर लिया। उसकी बहादुरी के आगे वह अफ़सर भी नतमस्तक हो गया।
कारतूस
लेखक – हबीब तनवीर
अंग्रेज भारत में व्यापारी बनकर आए । शुरू-शुरू में तो वे व्यापार हीं कर रहे थे, परन्तु उनका इरादा केवल व्यापार करने का नहीं था। व्यापार के लिए उन्होंने ईस्ट-इंडिया कंपनी की स्थापना की थी, उसी कंपनी ने धीरे-धीरे देश की रियासतों पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया। उनके इरादों का जैसे ही देशवासियों को अंदाजा हुआ उन्होंने देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। इसी क्रम में सम्पूर्ण भारत में आन्दोलन और विरोध शुरू हो गया।
इस नाटक को हबीब तनवीर जी ने इतिहास में घटित एक घटना को आधार बनाकर नाटक के रूप में लिखा है।
जिसके मुख्य पात्र – कर्नल, लेफ़्टीनेंट, सिपाही, सवार
हैं।
पाठ के 10 महत्वपूर्ण बिंदु हैं :—
1)कर्नल और लेफ्टिनेंट आपस में वज़ीर अली के कारनामों की बात करते हैं और कि वज़ीर अली ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा है और जिसके बारे में सुनकर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है।
2)सआदत अली वज़ीर अली के चाचा हैं जिन्होंने सिंहासन के लिए अंग्रेजो को अपनी आधी दौलत और दस लाख रूपए दिए थे।
3) सआदत अली ने इसके एवज में वज़ीर अली को मारने के लिए कहा।
4) बातों के क्रम में लेफ्टिनेंट को पता चलता है की हिंदुस्तान के बहुत से राजा, बादशाह और नवाब अफगानिस्तान के नवाब को दिल्ली पर हमला करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
5)उनकी बातों से अंग्रेजी शासन को खतरा हो सकता है ऐसा जान पड़ता है।
6)वज़ीर अली को गिरफ्तार करने के लिए वह अपनी पूरी फ़ौज ले कर उसका पीछा कर रहा है और वज़ीर अली उनको सालों से धोखा दे रहा है।
7)वज़ीर अली बहुत ही बहादुर आदमी है। अंग्रेजी शासन से नफरत और वकील के उसके प्रति गलत व्यवहार से उसे गुस्सा आ गया और उसने कंपनी के हीं वकील की हत्या कर दी।
8) अंग्रेजी फ़ौज और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही सब वज़ीर अली को ढूंढ रहे हैं। अंग्रेजी फ़ौज को पता चला है कि वज़ीर अली जंगलों में कहीं छुपा हुआ है।
9) एक सवार कर्नल के खेमे में आता है। वो कर्नल से कुछ कारतूस मांगता है और कहता है कि वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना चाहता है।
10) कर्नल सवार से नाम पूछता है तो सवार अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कहता है कि कारतूस के बदले वह उसकी जान को माफ कर रहा है। कर्नल वजीर अली की बहादुरी से काफी प्रभावित होता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1.कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
उत्तर- कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली की गिरफ़्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल कालिंज के अनुसार वज़ीर अली जंगल में हीं कहीं छिपा होगा।
प्रश्न 2. वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?
उत्तर- सिपाही वज़ीर अली से तंग आ चुके थे। क्योंकि हफ़्तों से वे जंगल में डेरा डाले हुए थे और फिर भी वज़ीर अली का कुछ भी पता नहीं लगा पा रहे थे। जंगल में रहते-रहते वे परेशान हो चुके थे।
प्रश्न 3. कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?
उत्तर- कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख सके कि सवार किस दिशा की ओर जा रहा है ताकि उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके।
प्रश्न 4.सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?
उत्तर- सवार ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह सवार स्वयं हीं वज़ीर अली था। वह एक जाँबाज़ सिपाही था जिसे अंग्रेज़ अधिकारी एक साधारण सवार समझ रहे थे। कर्नल के साथ पूरी फौज़ थी फिर भी सवार ने ऐसा कहा क्योंकि कर्नल के खेमे में किसी ने भी उसे नहीं पहचाना नहीं था।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
उत्तर- वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिन हुड की याद आती है , क्योंकि उन लोगों ने जंगल में हफ़्तों से डेरा डाले रखा था, और मिली सूचना के अनुसार रॉबिन हुड की तरह वजीर अली भी जंगलों में था फिर भी वो भूत की तरह गायब था और उनके हाथ ही नहीं आ रहा था।
प्रश्न 2. सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
उत्तर- सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई और वज़ीर अली का चाचा था। आसिफ अली को जब तक संतान न हुई थी तब तक सआदत अली के अवध का नवाब बनने की पूरी संभावना थी लेकिन वज़ीर अली के पैदाईश के बाद उसका यह सपना टूट गया उसे अपनी नवाबी खतरे में लगने लगी। अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
प्रश्न 3. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
उत्तर- सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का विशेष मकसद था। वह सआदत के स्वभाव से परिचित था वह जानता था कि तख्त मिलने पर सआदत अली ऐशो-आराम से रहेगा और वज़ीर अली को मारकर उसपर एहसान करने के बदले वह उससे धन माँगता रहेगा।
और सआदत अली भी दौलत तथा संपत्ति देकर मालामाल कर देगा और उनकी जरूरतों के अनुसार हर तरह की मदद करेगा।
प्रश्न 4. कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?
उत्तर- वज़ीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेज़ों ने उसे बनारस भेज दिया और तीन लाख रुपया सालाना वज़ीफा तय कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली इस बुलावे से चिढ़कर कंपनी के वकील के पास गया जो उस समय बनारस में ही था। वकील ने वजीर अली की शिकायत की कोई परवाह नहीं की, बल्कि उल्टा उसे हीं बुरा-भला सुनाने लगा । जिससे वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने तुरंत हीं खंजर निकालकर वकील का कत्ल कर दिया। इसके बाद वज़ीर अली अपने सैनिकों के साथ आज़मगढ़ की ओर भाग गया। वहाँ के बादशाह ने उन लोगों को अपनी हिफाज़त में घाघरा तक पहुँचा दिया। तब से वह जंगलों में छिपकर अपनी को शक्ति बढ़ाने में लगा हुआ है ।
प्रश्न 5. सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?
उत्तर- सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का रह गया, क्योंकि जिस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए वह जंगल में ढेरों सिपाहियों के साथ लंबे समय से डेरा डाले हुए था, वही वज़ीर अली निडर उसके सामने आ गया था उसके किसी भी अंदाज से कर्नल को उसके वज़ीर अली होने का संदेह भी नहीं हो पाया। इसके अतिरिक्त उसने बड़ी हीं होशियारी से कर्नल से कारतूस भी ले लिए और अपना परिचय देकर कर्नल की जान भी बख्श दी और देखते-हीं-देखते घोड़े पर सवार होकर चला गया। कर्नल केवल स्तब्ध खड़ा घोड़ों की टापों का शोर ही सुनता रह गया।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
उत्तर- देश में अलग-अलग स्थानों के राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे। जब लेफ़्टीनेंट ने देखा कि वज़ीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला ने बाहरी देशों जैसे अफ़गानिस्तान के बादशाह को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक खिलाफत की लहर दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं।
प्रश्न 2. वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?
उत्तर- वज़ीर अली को अंग्रेज़ों ने रहने के लिए बनारस भिजवा दिया था और उसे तीन लाख रुपया सलाना वजीफा देना तय किया था। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलवाया। वज़ीर अली वहाँ जाना नहीं चाहता था। कंपनी का वकील भी उस समय बनारस में था। इसलिए वह गवर्नर की शिकायत लेकर कंपनी के वकील के पास गया। शिकायत पर ध्यान न देकर वकील ने वज़ीर अली को भला-बुरा कहा । इससे वज़ीर अली को क्रोध आ गया । दूसरा वज़ीर अली कंपनी सरकार से नफ़रत करता था। इन दोनों कारणों के जुड़ जाने से वज़ीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया।
प्रश्न 3. सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
उत्तर- सवार, जो कि स्वयं वज़ीर अली था, ने कर्नल के पास जाकर पूर्ण आत्मविश्वास से और सूझ-बूझ के साथ कर्नल को कहा कि वह वजीर अली को पकड़ने में उनकी मदद करेगा और उसने कर्नल से कारतूस हासिल
किए।
प्रश्न 4.वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर वज़ीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे अपने लक्ष्य को पाने के लिए जान की बाजी लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी छिन ली गई तो उसने अंग्रेज़ों के विरुद्ध अपना संघर्ष शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के सामने पेश होने को अपना अपमान माना और वहां जाने से साफ मना कर दिया। गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। इसके बाद वह आज़मगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ भी निडर होकर अंग्रेज़ों के कैंप में घुस गया था। उसे अपनी जान की भी परवाह नहीं थी। उसके जाँबाज़ सिपाही होने का परिचय उस घटना से मिलता है जब वह अंग्रेज़ों के कैंप में घुसकर कारतूस लेने में सफल हो जाता है तथा कर्नल उसे देखता रह जाता है। इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज़ आदमी था।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1. मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।
उत्तर- इसका आशय यह है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह था जिसके पास बहुत ज्यादा युद्ध-सामग्री थी, फिर भी सब मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पा रहे थे। वजीर अली के अदम्य शक्ति और दृढ़ता को परास्त नहीं कर पाए थे। वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि मुट्ठी भर आदमियों के साथ ही उसने कर्नल के इतने बड़ी सेना के नाक में दम कर दिया था।
प्रश्न 2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।
उत्तर- यह कथन कर्नल के साथ जंगल में रह रहे लेफ़्टीनेंट का है। वज़ीर अली अकेला ही पूरे काफ़िले के समान था। वह तूफान की तरह शक्तिशाली और गतिशील था। उसके घोड़े की टापों से उड़ने वाली धूल ऐसा आभास देती थी मानो पूरी फौज़ चली आ रही है। इस वाक्य से आने वाले सवार के व्यक्तित्व की महानता और शौर्य की झलक मिलती है जो अकेले होते हुए भी अकेला नहीं दिखता। यह सवार वज़ीर अली था जिसका पता किसी को न चला।
भाषा अध्ययन :—
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए-
१.खिलाफ़ = विरुद्ध
२.पाक = पवित्र
३.उम्मीद = आशा
४. हासिल = प्राप्त
५. कामयाब = सफल
६. वजीफ़ा = छात्रवृत्ति
७. नफ़रत = घृणा
८. हमला = आक्रमण
९.इंतेज़ार = प्रतीक्षा
१०.मुमकिन = संभव
प्रश्न 2. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूटकर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्का-बक्का रह जाना।
उत्तर
मुहावरा – वाक्य प्रयोग
१.आँखों में धूल झोंकना = वजीर अली ने अंग्रेज की आँखों में धूल झोंककर कारतूस ले लिए।
२. कूट-कूटकर भरना = भगत सिंह में देशभक्ति और देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी।
३. काम तमाम कर देना = काश्मीर में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों का काम तमाम कर दिया।
४. जान बख्श देना = मुहम्मद गोरी को बंदी बनाने के बाद भी पृथ्वीराज चौहान ने उसकी जान बख्श दी।
५. हक्का-बक्का रह जाना = रशिया के अचानक आक्रमण से विश्व के सभी देश हक्के-बक्के रह गए।
प्रश्न 3. कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए-
१. जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
२. कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
३. वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
४. फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
५. सिपाही घोड़े पर सवार था।
उत्तर-
१. संबंध कारक
२. संबंध कारक, अधिकरण कारक
३. कर्म कारक, अपादान कारक
४. संप्रदान कारक, संबंध कारक
५. अधिकरण कारक
प्रश्न 4. क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;
जैसे- सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया, कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-
१.घोड़ा पानी पी रहा था।
२.बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
३.रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
४.देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
उत्तर-
१.घोड़े ने पानी पीना जारी रखा।
२. बच्चों ने दशहरे का मेला देखने के लिए प्रस्थान किया।
३. रॉबिन हुड ने गरीबों की मदद की।
४. देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।
प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए-
१.कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नजर रखो ये किस तरफ़ जा रहा है।
२. सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लाव लश्कर की क्या जरूरत है।
३. खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।
उत्तर-
१. कर्नल ने कहा “सिपाहियों इस पर नज़र रखो। ये किस तरफ़ जा रहा है?”
२. सवार ने पूछा, “आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लाव-लश्कर की क्या जरूरत है?
३. खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था, “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।”
Very good summary