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Tantara Vamiro Katha Class 10 Hindi animated explanation and summary


तताँरा-वामीरो कथा' एक प्रेमी युगल की दुखद प्रेम कहानी है। इसके लेखक लीलाधर मंडलोई हैं। समाज के कल्याण में कई बार, कई लोगों को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ता है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाता और समाज के सोचने की दिशा में परिवर्तन आता है। यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन के नए मार्ग खोल देता है। प्रेम जीवन को नई दिशा देता है। प्रेम का कार्य है लोगों को आपस में जोड़ना। तताँरा-वामीरो दो अलग-अलग गाँवों के युवक-युवती की कहानी है। तताँरा सारे द्वीपवासियों का प्रिय है। वह साहसी और आत्मीय स्वभाव का युवक है। परन्तु वामीरो से वह सिर्फ इसलिए विवाह नहीं कर सकता है क्योंकि वामीरो अन्य गाँव की युवती है। दोनों बहुत प्रयास करते हैं लेकिन समाज के बनाए नियमों के आगे स्वयं को बेबस पाते हैं। आहत तताँरा अपनी तलवार से द्वीप के दो टुकड़े कर देता है और स्वयं एक द्वीप के साथ बहते हुए लापता हो जाता है। वामीरो उसकी याद में एक दिन स्वयं भी लापता हो जाती है। उनके प्रेम का दुखाद अंत लोगों के ह्दय पर प्रहार करता है। उनका बलिदान लोगों को झुकने के लिए विवश कर देता है। वे स्वयं एक नहीं हो पाए परन्तु आने वाली सभी पीढ़ियों के प्रेम में आने वाली बाधा का अंत कर गए। यह कहानी हमें संदेश देती है, जो परंपरा हमारे जीवन में रुकावट पैदा करे उसे हटाने में ही समाज का कल्याण निहित है। अन्यथा इसका बुरा परिणाम यह होता है कि किसी न किसी को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ता है।




लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर --


प्रश्न )तताँरा वामीरो कहाँ की कथा है?

उत्तर) तताँरा वामीरो निकोबार द्वीप की कथा है।


प्रश्न )वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?

उत्तर) लहरों से भीग जाने के कारण वामीरो का ध्यान भटक गया और वह अपना गाना भूल गई।


प्रश्न )तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?

उत्तर) तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि कोई भी युवक या युवती अपने गाँव से बाहर विवाह नहीं कर सकता था।


प्रश्न)तताँरा ने नाम जानकर वामीरो से क्या कहा?

उत्तर) - तताँरा ने नाम जानकर वामीरों से कहा, कि वाह कितना सुंदर नाम है। कल भी आओगी न यहाँ।



प्रश्न )निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?

उत्तर) तताँरा परिचित और अजनबी सबकी एक जैसी मदद करता था। वह ताकतवर होने के बावजूद बड़ा ही शांत और सौम्य था इसलिए निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे।


प्रश्न )वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर) वामीरो से मिलने के बाद तताँरा की जिंदगी ही बदल गई थी। उसका पूरा दिन उबाऊ हो गया था। किसी काम में उसका मन नहीं लग रहा था। जीवन में पहली बार वह किसी का इंतजार कर रहा था। उसे लग रहा था कि दिन कभी खत्म ही नहीं होगा।


प्रश्न )प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?

उत्तर) प्राचीन काल में शक्ति प्रदर्शन और मनोरंजन के लिए पशुओं की लड़ाई का आयोजन करवाया जाता था। कहीं-कहीं पर मनुष्य और पशु की लड़ाई भी होती थी। साथ में नाच और गाने का भी आयोजन होता था। भोज की भी व्यवस्था होती थी।


प्रश्न )तताँरा गुस्से से क्यों भर उठा?

उत्तर) तताँरा गुस्से से इसलिये भर उठा क्योंकि वामीरो की माँ उसका अपमान कर रही थी।वह नहीं चाहता था कि उसके कारण वामीरो को और कोई दुःख मिले। उसे गाँव की रीति पर छोभ था,वहीं अपनी असमर्थता पर खीझ थी।


प्रश्न )तताँरा वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर) तताँरा वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार के लोगों ने अपनी कठोर नीति को तोड़ दिया। इस घटना के बाद से लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंघ रखने लगे।


प्रश्न )तताँरा और वामीरो का संबंध संभव क्यों नहीं था ?

उत्तर) तताँरा और वामीरो का सम्बन्ध इसलिये संभव नहीं था क्योंकि दोनों अलग-अलग गाँव के थे ।परंपरा और रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था ।


प्रश्न )वामीरो की माँ क्रोधित क्यों थी ?

उत्तर) वामीरो की माँ क्रोध में इसलिए थी क्योंकि उसकी बेटी गाँव वालों के सामने दूसरे गाँव के युवक से न केवल मिल रही थी,अपितु उसके सामने ज़ोर-ज़ोर से रो भी रही थी।उसकी पुत्री का यह कार्य पूरे गाँव में उसका अपमान करवा रहा था ।



प्रश्न )समुद्र तट के सायंकालीन वातावरण का वर्णन करें?

उत्तर) शाम का समय था, समुद्र का किनारा था, समुद्र से ठंडी हवाओं के झोंकें आ रहे थे | पक्षियों की चहचहाहटें धीरे-धीरे काम होती जा रही थीं | अस्त होता हुआ सूरज अपनी रंग-बिरंगी किरणों से समुद्र के जल को रंगीन बना रहा था।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर----


प्रश्न )तताँरा का व्यक्तित्व कैसा था?

उत्तर) तताँरा लोक सेवक युवक था वह शरीर से बलिष्ठ और आकर्षक तो था ही, वह हमेशा सबकी सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। उसकी पोषक पारम्परिक थी उसकी कमर मैं सदैव एक लकड़ी की तलवार लटकती थी। जिसके बारे में मान्यता थी की उसमें दैवीय शक्तियां हैं और किसी ने भी उसको इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा था। तताँरा की समाज सेवा के लिए उसे विशेष रूप से हर गाँव में आमंत्रित किया जाता था।


प्रश्न )युवती के भीतर कोमल भावना का संचार क्यों हुआ? वह कैसा जीवन साथी चाहती थी और उसने युवक को भूल जाना ही क्यों ठीक समझा?

उत्तर) युवती ने अपने सामने तताँरा जैसे नवयुवक को देखा तो उसके मन में उसके प्रति प्रेम की कोमल भावना जग गयी, वह अपने लिए सुन्दर, बलिष्ठ किन्तु शांत और भोला युवक चाहती थी पर वह युवक को इसलिए भूलना चाहती थी क्योंकि वह दूसरे गाँव का था और उनके गाँव की प्रथा अन्य गाँव के युवक या युवती के आपस में विवाह की अनुमति नहीं देते थे।


प्रश्न )‘तताँरा-वामीरो कथा’ के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है ?

उत्तर) ‘तताँरा-वामीरो कथा’ एक प्रसिद्ध लोक-गाथा है जिसमे यह संदेश दिया गया है कि प्रेम को किसी बंधन,सीमा अथवा रीति-रिवाज में नहीं बाँधा जा सकता ।यदि कोई जाति ,धर्मं ,क्षेत्र ,प्रदेश आदि प्रेम कि पवित्र भावना पर पहरे लगाएगा और उसे पनपने का अवसर नहीं देगा ,तो इसका परिणाम सुखद नहीं होगा ।समाज में जातीय ,धार्मिक और सामाजिक भेद में और अधिक वृद्धि होगी ,जिससे अंततः मानवता को ही नुकसान पहुँचेगा ।अत: हमें सभी प्रकार के भेद-भावों को मिटाकर सभी को अपनाना चाहिए ।


प्रश्न )‘रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है।’- क्यों? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर) यह बात बिलकुल सही है कि रूढ़ियाँ जब बोझ बनने लगें तो उनका टूट जाना ही अच्छा है। कोई भी नियम एक अनूठे सामाजिक परिवेश की देन होता है। समय के साथ चीजें बदल जाती हैं। लोगों की मानसिकता और सामाजिक ढांचा परिवर्तनशील होता है। जो बात एक खास समय में उचित लगती है, वही बात बदले हुए परिवेश में व्यावहारिक तौर पर अपनी सार्थकता खो देती है। ऐसे में वो बात हमारे लिए बोझ बन जाती है। इसलिए उचित अवसर पर पुरानी प्रणाली को तोड़ना ही अच्छा होता है।


प्रश्न )वामीरो की मनोदशा का चित्रण कीजिए ।

उत्तर) वामीरो की मनोदशा थोड़ी जटिल है क्योंकि एक ओर जहाँ वह दूसरे गाँव के युवक तताँरा से प्रेम करती है,तो दूसरी ओर अपने गाँव की मर्यादा रूपी तलवार उसके ह्रदय पर खिंची हुई थी ।यही कारण था कि वह असमंजस की स्थिति में रहती है और किसी अन्य कार्य में उसका मन नहीं लगता है । वह ऊपर से कठोरता व शुष्कता दिखाती है , किन्तु भावनात्मक स्तर पर तताँरा के प्रेम में वह पूरी तरह भीग चुकी है ।


प्रश्न )निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?

उत्तर) निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में एक दंतकथा प्रसिद्ध है। जब वो एक ही द्वीप हुआ करता था, तब तताँरा नाम के एक युवक को दूसरे गाँव की वामीरो नाम की युवती से प्रेम हो गया। उन दिनों के नियम के अनुसार उनका विवाह होना संभव नहीं था। दोनों के गाँव वाले इसके खिलाफ थे। अपनी असहाय स्थिति देखकर तताँरा को एक दिन इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी तलवार से द्वीप को दो टुकड़ों में काट दिया। उसके बाद लोगों की आँखें खुलीं और उन्होंने पुराने नियमों को तोड़ दिया।


प्रश्न) शाम के समय, समुद्र किनारे तताँरा की प्राकृतिक अनुभूति का वर्णन कीजिए।

उत्तर- एक शाम तताँरा दिन-भर के अथक परिश्रम के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें आ रही थीं। पक्षियों की सायंकालीन चाहचाहाहटें शनैः शनैः क्षीण हों को थीं। उसका मन शांत था। विचारमग्न तताँरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा। तभी कहीं पास में उसे मधुर गीत गूँजता सुनाई दिया। गीत मानों बहता हुआ उसकी तरफ आ रहा हो। बीच-बीच में लहरों का संगीत सुनाई देता। गायन प्रभावी था कि वह अपनी सुध-बुध खोने लगा। लहरों के एक प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। चैतन्य होते ही वह उधर बढ़ने को विवश हो उठा जिधर से अब भी गीत के स्वर बह रहे थे। वह विकल-सा उस तरफ़ बढ़ता गया। अंततः उसकी नजर एक युवती पर पड़ी जो ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध, एकटक समुद्र की देह पर डूबते आकर्षक रंगो को निहारते हुए गा रही थी। यह एक शृंगार गीत था।


प्रश्न) तताँँरा और वामीरो की मृत्यु कैसे हुई? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर- पशु-पर्व के मौके पर तताँरा और वामीरो को इक्कठा देखकर वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया। गाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाजें उठाने लगे। यह तताँरा के लिए अहसनीय था। वामीरो अब भी रोए जा रही थी। तताँरा भी गुस्से से भर उठा। उसे जहाँ विवाह की इस परंपरा पर क्षोभ था वहीं अपनी असहायता पर खीझ वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। उसे मालूम नहीं था कि क्या कदम उठाना चाहिए? अनायास उसका हाथ तलवार की मूढ़ पर जा टिका क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा। क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे। एक सन्नाटा-सा खिंच गया। जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था। अचानक जहाँ एक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ो में बँटने लगी हो। एक गड़गड़ाहट-सी गूँजने लगी और लकीर की सीध में धरती फटती ही जा रही थी। द्वीप के अंतिम सिरे तक तताँरा धरती को मानो क्रोध में काटता जा रहा था। सभी व्याकुल हो उठे। लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी, वे सिहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती के कनारे तताँरा का नाम पुकारते हुए दौड़ रही थी। द्वीप दो टुकड़ों में विभक्त हो चुका था। तताँरा और वामीरो द्वीप के साथ समुद्र में धँस गए, और उनकी मृत्यु हो गई।


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Guest
Dec 31, 2023
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Guest
Oct 08, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Bahuth Achcha Features Heh

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