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आदमी नामा,Class 9,Aadmi Nama


प्रश्न-अभ्यास


प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।

उत्तर) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के विभिन्न रूपों, जैसे- बादशाह, गरीब- भिखारी, मालदार एवं अमीर, कमजोर, स्वादिष्ट और दुर्लभ भोज्य पदार्थ खाने वाला तथा दूसरे छंद में। सूखी रोटी के टुकड़े चबाने वाले व्यक्ति का वर्णन किया गया है ।

2)चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारामक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर) कवि ने अपने चारों छंदों में आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर अनेक रूपों में रखा है; जैसे-

1.अगर आदमी हीं बादशाह है तो उसकी प्रजा भी आदमी हीं है।

2.अगर कुरान पढ़ाने वाला आदमी है तो उसे सुनने और समझने वाला भी आदमी हीं है।

3. जूतियाँ चुराने वाला आदमी है तो उन जूतियों की रक्षा भी आदमी हीं करता है।

4. अगर आदमी से प्यार करने वाला आदमी है तो उस पर तलवार उठाने वाला भी आदमी हीं है।


5. अगर अच्छा कार्य आदमी करते हैं, तो बुरे कामों को करने वाले भी आदमी ही हैं।

3) ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता ने इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

उत्तर) . “आदमी नामा“ इस शीर्षक की कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति यह धारणा बनती है कि, आदमी हीं है जो अच्छा और बुरा दोनों कार्य करता है। अच्छे कार्य करने और दूसरों की भलाई करने के कारण वह पीर और देवता के समान बन जाती है, वही आदमी जब दूसरों को सताने का काम करता है तो वह निंदा का पात्र बन जाता है।

4.)इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों ?

उत्तर) इस कविता में संकलित सभी भाग अच्छे हैं, परंतु तीसरा भाग मुझे विशेष रूप से अच्छा लगा क्योंकि आदमी हीं आदमी से प्रेम करता है, अपनी जान न्योछावर करता है। वह भी आदमी ही है जो संकट में फँसे व्यक्ति की मदद करने के लिए भागाकर जाता है।

5) आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- इस संसार में अलग-अलग विचार और आचरण से युक्त आदमी हैं। इनमें मस्जिद बनाने वाले, कुरान पढ़ने लोग है तो उसी मस्जिद में कुरान पढ़ाने वालों के अलावा जूतियाँ चुराने वाले लोग भी है। एक ओर दूसरों पर जान न्योछावर करने वाले लोग हैं। तो ऐसे लोग भी हैं जो दूसरों पर तलवार उठाते हैं। आदमी की बेइज्जती करने वाले लोग हैं तो आदमी की मदद करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है।

प्रश्न 2.

निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए-


(क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी

और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

व्याख्या- इस संसार में लोगों पर शासन करने वाला बादशाह भी आदमी हीं है तो दीन-दुखी, गरीब , दरिद्र और भिखारी आदि भी आदमी ही हैं। इस तरह इस संसार में अलग-अलग प्रकार के आदमी हैं जिनकी स्थिति, स्वभाव, व्यवहार, चरित्र और विचार में बहुत अंतर है परंतु वे सब आदमी हीं हैं।


(ख) अंशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर

ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

व्याख्या- इस संसार में अच्छे कामों को करने वाले सज्जन पुरुष और दूसरों को परेशान करने वाले दुष्ट से दुष्ट व्यक्ति भी आदमी हीं है। दूसरों पर राज करने वाला राजा और मंत्री भी आदमी ही है। दूसरों को दुख पहुँचाने और दूसरों को सुख देने वाले दोनों ही तरह के लोग आदमी ही हैं।


प्रश्न 3.

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-

(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां

और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ

जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी

उत्तर) निम्नलिखित पंक्तियों में अभिव्यक्त व्यंग्य यह है कि जिस मस्जिद में एक ओर आदमी नमाज़ और कुरान पढ़ता है, वहीं दूसरी ओर आदमी जूतियाँ चुराने के चक्कर में रहता है। और इसी स्थान पर एक अन्य आदमी इन जूतियों की रखवाली करने का काम करता है। अर्थात् कहने को सब आदमी है, परंतु उन सबके कार्य और चरित्र अलग-अलग हैं।

(ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी

चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी

और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी

उत्तर ) एक आदमी वह है जो दूसरों की बेइज्जती करने से नहीं चूकता है, वहीं ऐसा भी आदमी है जो संकट में फँसे व्यक्ति की पुकार सुनकर भागा जाता है। व्यंग्य यह है कि अच्छा हो या बुरा कार्य करने वाला आदमी ही होता है।


प्रश्न 4.

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।

राज़ (रहस्य)

फ़न (कौशल)

राज (शासन)

फन (साँप का मुंह)

जरा (थोड़ा)

फ़लक (आकाश)

जरा (बुढ़ापा)

फलक (लकड़ी का तख्ता)


ज़ फ़ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

उत्तर-

ज़मीन

ज़नाब

फ़िक्र

वफ़ादार


प्रश्न 5.

निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए-

1)टुकड़े चबाना = कामचोर व्यक्ति सिर्फ टुकड़े चबाने का हीं काम करता है ।

2)पगड़ी उतारना = दहेज़ के लोभियों के सामने पिता ने पगड़ी उतार दी पर वे विवाह के लिए नहीं माने।

3)मुरीद होना = सारी दुनिया भारतीय संस्कृति की मुरीद है।

4)जान वारना = माँ अपने बच्चों की नजर उतारने के लिए जान वारती है।

5) तेग मारना = दूसरों को तेग मारने वाले लोगों की हमेशा हीं निंदा होती है।





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