कारक परिचय for Class 7 Sanskrit
संस्कृत व्याकरणसंस्कृत व्याकरण
कारक :—वाक्य में क्रिया के साथ जिन शब्दों का सीधा संबंध होता है उन शब्दों को कारक कहते हैं ; उदाहरणार्थ :—
1.बालक: पठतिः ।
2. बालिका विद्यालयम् गच्छति।
उपर्युक्त वाक्यों में 'बालक:' और 'बालिका' शब्दों का क्रियाओं 'पठति' और 'गच्छति' से सीधा संबंध है। संस्कृत व्याकरण में कारक 6 होते हैं —
कर्त्ता
कर्म
करण
संप्रदान
अपादान और
अधिकरण ।
संस्कृत में संबंध और संबोधन को कारक नहीं माना गया है क्योंकि इनका क्रिया से सीधा संबंध नहीं होता है ।
विभक्ति :— संज्ञा शब्दों का क्रिया के साथ संबंध प्रकट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, वे 'विभक्तियाँ' कहलाती हैं ।
कारक- विभक्ति- तालिका
1)प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक)
यथा— बालः पठति । (बालक पढ़ता है।)
छात्राः गच्छन्ति (सब छात्र जाते हैं।
सः धावति । (वह दौड़ता है।)
सा गायति । (वह गाती है।)
2. द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक)
यथा—सः पुस्तकम् पठति। (वह पुस्तक को पढ़ता है।) ते गीतम् गायन्ति। (वे सब गीत गाते हैं।)
अदिति: गुरुम् नमति। (अदिति गुरु को नमस्कार करती है।)
सेवकाः फलानि नयन्ति (वह सेवक फलों को ले जाते हैं।)
3. तृतीया विभक्ति (करण कारक)
यथा—रामः कन्दुकेन क्रीडति। (राम गेंद से खेलता है।) स कलमेन लिखति। (वह कलम से लिखती है।) भिक्षुकः नेत्रेण काणः अस्ति। (भिखारी आँख से काणा है।)
तौ वाहनेन गच्छतः । (वे दोनों सवारी से जाते हैं।)
4. चतुर्थी विभक्ति (करण कारक)
यथा—सः भ्रमणाय गच्छति। (वह घूमने के लिए जाता है।)
बालिका पठनाय आगच्छति । (बालिका पढ़ने के लिए आती है।)
माता मह्यं फलं यच्छति। (माता जी मेरे लिए फल देती हैं।)
पिता निर्धनाय धनं यच्छति। (पिता जी निर्धन को धन देते हैं।)
5. पञ्चमी विभक्ति (अपादान कारक)
यथा—वृक्षात् फलानि पतन्ति । (पेड़ से फल गिरते हैं।) विद्यार्थी विद्यालयात् आगच्छति। (विद्यार्थी विद्यालय से आता है।)
पर्वतात् नदी निर्गच्छति (पर्वत से नदी निकलती है।) नृपः प्रासादात् अवतरति। (राजा महल से उतरता है।)
6. षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध कारक)
- इदं बालकस्य पुस्तकम् अस्ति । (यह बालक की पुस्तक है।)
सीतायाः वस्त्राणि सन्ति । (सीता के वस्त्र हैं।)
दशरथः रामस्य पिता आसीत्। (दशरथ राम के पिता थे।)
अयं विद्यालयः अस्माकम् अस्ति। (यह विद्यालय हमारा है।)
7. सप्तमी विभक्ति (अधिकरण कारक)
यथा—खगाः नीडेषु वसन्ति। (पक्षी घोंसलों में रहते हैं।) गृहे माता अस्ति। (घर में माता जी हैं।)
छात्रा: उद्याने क्रीडन्ति। (सब छात्र बगीचे में खेलते हैं।) वयम् नगरे वसामः । (हम सब शहर में रहते हैं।)
8. सम्बोधन
यथा—हे बालक! अत्र आगच्छ। (हे बालक! यहाँ आओ)
भो छात्र! पाठम् पठ। (हे छात्र! पाठ को पढ़ो।)
अरे नागरिक ! सत्यं वद। (अरे नागरिक ! सच बोलो।)
हे बालिके! गीतम् गायतु । (हे बालिका ! गीत गाओ।)
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