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हरिहर काका Class 10, Hindi, Harihar Kaka


काका

लेखक मिथिलेश्वेर के पड़ोसी तथा इस कथा के नायक हैं

महत्वपूर्ण बिंदु

1)‘हरिहर काका‘ इस कहानी का मूल उद्देश्य है | अपने और पराए लोगों से सावधान करना तथा समाज के चेहरे को दिखाना |

2) स्वार्थ के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं चाहे वे अपने रक्त संबंधी हो या पराए लोग यहाँ तक कि धार्मिक और सामाजिक संस्थाएँ,जो लोगों के कल्याण की बातें करतीं हैं,वे भी स्वार्थी या धन के लालची हो सकते हैं।

3)गाँव की ठाकुरबारी के साधु-संत कुछ करते नहीं हैं सिर्फ ठाकुरजी को भोग लगाने के नाम पर अच्छा-अच्छा भोजन करते हैं| इसके अतिरिक्त वे लोगों को अपनी बातों से मूर्ख बनाते हैं |

4)हरिहर काका धनी, बूढ़े, परिवार विहिन व्यक्ति हैं जिनके धन या यों कहें जायदाद के पीछे गांव का महंत और उनके भाई और उनका परिवार पड़ा हुआ है।

5) महंत के लोग और भाइयों का परिवार हरिहर काका की देखभाल सिर्फ जमीन की लालच में करते।

6)उन्हें पहले प्यार से, फिर धमका कर और फिर मारपीट कर हर प्रकार से हरिहर काका से उनकी जमीन हथियानी चाही थी।

7)एक बार महंत और उसके साथियों ने तो अगली बार उनके खुद के भाईयों के परिवार ने उन्हें शारीरिक रुप से प्रताड़ित कर जमीन उनसे छिननी चाही।

8)काका को सबकी सच्चाई समझ में आई और वे पूरी तरह से अंदर से टूट गए। और चुपचाप रहने लगे


9)पुलिस द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षाकर्मी और एक नौकर काका के साथ रहते और उनके पैसों पर ऐश का जीवन जी रहे थे।

10)हमारे समाज में हमें हरिहर काका के समान बहुत से लोग मिल जाऐंगे। हमें ऐसे असहाय वृद्ध लोगों की सही सहायता करनी चाहिए।


पाठ के बोध प्रश्न :—


1.कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

उत्तर) कथावाचक जब छोटा था तब से ही हरिहर काका उसे बहुत प्यार करते थे। जब वह बड़े हो गए तो वह हरिहर काका के मित्र बन गए। गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई। हरिहर काका उनसे खुल कर बातें करते थे। यही कारण है कि कथावाचक को उनके एक-एक पल की खबर थी। शायद अपना मित्र बनाने के लिए काका ने स्वयं ही उसे प्यार से बड़ा किया और इंतजार किया।




2.हरिहर काका को मंहत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

उत्तर) हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत में कोई अंतर नहीं लगा। दोनों एक ही श्रेणी के लगे। उनके भाइयों की पत्नियों ने कुछ दिन तक तो हरिहर काका का ध्यान रखा फिर बची खुची रोटियाँ दी, नाश्ता नहीं देते थे। बीमारी में कोई पूछने वाला भी न था। जितना भी उन्हें रखा जा रहा था, उनकी ज़मीन के लिए था। इसी तरह महंत ने एक दिन तो बड़े प्यार से खातिर की ,फिर ज़मीन अपने ठाकुरबारी के नाम करने के लिए कहने लगे। काका के मना करने पर उन्हें अनेकों यातनाएँ दी। अपहरण करवाया, मुँह में कपड़ा ठूँस कर एक कोठरी में बंद कर दिया, जबरदस्ती अँगूठे का निशान लिया गया तथा उन्हें मारा पीटा गया। इस तरह दोनों ही केवल ज़मीन- जायदाद के लिए हरिहर काका से व्यवहार रखते थे। अत: उन्हें दोनों एक ही श्रेणी के लगे।



3.ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?

उत्तर) कहा जाता है गाँव के लोग भोले होते हैं। असल में गाँव के लोग अंध विश्वासी तथा धर्मभीरु होते हैं। मंदिर जैसे स्थान को पवित्र, निष्कलंक, ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। पुजारी, पुरोहित महंत जैसे जितने भी धर्म के ठेकेदार हैं उन पर अगाध श्रद्धा रखते हैं। वे चाहे कितने भी पतित,स्वार्थी और नीच हों पर उनका विरोध करते वे डरते हैं। इसी कारण ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों की अपार श्रद्धा थी। उनका हर सुख-दुख उससे जुड़ा था।



4.अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर) हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालो की याद आती है। काका ने उन्हें दुखी होते देखा है। इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार महंत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल जायदाद के लिए है।


5.हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?

उत्तर) महंत के आदमियों ने हरिहर काका को कई बार जमीन जायदाद ठाकुरबारी के नाम कर देने को कहा । महंत ने अपने चेले साधु संतो के साथ मिलकर उनके हाथ पैर बांध दिए, मुँह में कपड़ा ठूँस दिया और जबरदस्ती अँगूठे के निशान लिए, उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। जब पुलिस आई तो स्वयं गुप्त दरवाज़े से भाग गए ।



6.हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

उत्तर) कहानी के आधार पर गाँव के लोगों को बिना बताए पता चल गया कि हरिहर काका को उनके भाई नहीं पूछते। इसलिए सुख आराम का प्रलोभन देकर महंत उन्हें अपने साथ ले गया। भाई काफी मान मनौव्वल करके काका को वापस ले आते हैं। इस तरह गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए। कुछ लोग महंत की थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुरबारी को दे दें ताकि उन्हें सुख और आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष,यश मिले। महंत ज्ञानी है वह सब कुछ जानता है लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कहते कि ज़मीन परिवार वालों को दी जाए। उनका कहना था इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे, परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक कारण यह भी था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी। पंद्रह बीघे ज़मीन के लिए लोगों का लालच स्वाभाविक था।



7.कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।"

उत्तर) जब काका को असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालों के मोह माया में आकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिल-तिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है। जीते जी ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। ये लोग मुझे एक बार में ही मार दे। अत: लेखक ने कहा कि अज्ञान की स्थिति में मनुष्य मृत्यु से डरता है परन्तु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहता है।


8.समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर) आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से मिलते हैं। अमीर रिश्तेदारों का सम्मान करते हैं, उनसे मिलने को आतुर रहते हैं जबकि गरीब रिश्तेदारों से कतराते हैं। केवल स्वार्थ सिद्धि की अहमियत रह गई है। आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीनजाय़दाद, पैसे जेवर के लिए लोग हत्या व अपहरण जैसे नीच कार्य कर जाते हैं।



9.यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?

उत्तर) यदि हमारे आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई बुजुर्ग हो तो हम उसकी पूरी तरह मदद करने की कोशिश करेंगे। उनसे मिलकर उनके दुख के कारण का पता करेंगे, उन्हें अहसास दिलाएँगे कि वे अकेले नहीं हैं। सबसे पहले तो यह विश्वास कराएँगे कि सभी व्यक्ति लालची नहीं होते हैं। इस तरह मौन रह कर दूसरों को मौका न दें बल्कि उल्लास से शेष जीवन बिताएँ। रिश्तेदारों से मिलकर उनके संबंध सुधारने का प्रयत्न करेंगे। स्वयंसेवी संस्था से मिलकर भी उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगें।




10.हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर) अगर काका के गाँव में मीडिया पहुँच जाती तो सबकी पोल खुल जाती, महंत व भाइयों का पर्दाफाश हो जाता। मीडिया उनके साथ हुए अत्याचारों का लाइव कवरेज दिखाता। वे सभी व्यक्तियों को अन्याय की ये तस्वीर दिखाते और बतलाते कि बूढ़े व्यक्ति के लिए किस तरह लोगों के ख्याल बदल जाते हैं और वे फायदा उठाने का सोचने लगते हैं। मीडिया वहाँ पहुँचकर सबकी पोल खोल देती, महंत व भाइयों का पर्दाफाश हो जाता । अपहरण, धमकाने और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती।


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